Abstract
Indian Journal of Modern Research and Reviews, 2025;3(2):51-58
तिब्बत लामा परंपरा और इसका राजनीतिक परिप्रेक्ष्य
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Abstract
तिब्बत में बौद्ध धर्म की स्थापना 7 वीं सदी में राजा सोंग्त्सेन गम्पो के शासनकाल में हुई। 8वीं सदी में गुरु पद्मसंभव ने तांत्रिक बौद्ध धर्म की नींव रखी, जिससे लामा परंपरा का विकास हुआ। 15वीं सदी में जे चोंखापा द्वारा स्थापित गेलुग पंथ ने दलाई लामा की संस्था को मजबूत किया। तिब्बत की लामा परंपरा न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह तिब्बत की सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था में भी गहरा प्रभाव रखती है। इस शोध पत्र का उद्देश्य लामा परंपरा के उद्भव, विकास, धार्मिक-सामाजिक प्रभाव, और तिब्बत-चीन संघर्ष में इसकी भूमिका का विश्लेषण करना है। इसके अलावा, समकालीन वैश्विक परिप्रेक्ष्य में इस परंपरा के प्रभाव पर भी प्रकाश डाला गया है। यह शोध-पत्र मुख्यतः द्वितीयक स्रोतों पर आधारित है।
Keywords
लामा परंपरा, तिब्बत, चीन, राजनीतिक परिप्रेक्ष्य, दलाई लामा।