Abstract
Indian Journal of Modern Research and Reviews, 2025;3(1):03-09
जैन दर्शन एवं और बौद्ध दर्शन का शिक्षा परिप्रेक्ष्य: एक तुलनात्मक विश्लेषण
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भारत के प्राचीन दर्शनों ने शिक्षा को जीवन के प्रमुख उद्देश्यों में स्थान दिया है। जैन और बौद्ध दर्शन, जो दोनों ही श्रमण परंपरा से जुड़े हुए हैं, शिक्षा के माध्यम से आत्मिक और सामाजिक उन्नति की बात करते हैं। ये दोनों दर्शन समान रूप से नैतिकता, ध्यान और आत्म-अनुशासन पर जोर देते हैं, लेकिन उनके दृष्टिकोण और शिक्षा पद्धतियों में कुछ मौलिक भेद भी विद्यमान है। जैन और बौद्ध दोनों दर्शनों ने आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है और इन्होंने भारतीय शिक्षा पद्धति को गहरे रूप में प्रभावित किया है। दोनों दर्शनों की शिक्षा पद्धति में अनेक समानता होने के साथ-साथ विभिन्नताएं भी पायी जाती हैं। हालांकि दोनों दर्शनों की शिक्षा पद्धति को भारतीय शैक्षिक पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। प्रस्तुत शोध पत्र इन्हीं बातों का विश्लेषण करते हुए जैन और बौद्ध दर्शन का आधुनिक शिक्षा के परिप्रेक्ष्य में तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत करता है। यह शोध पत्र मुख्य रूप से द्वितीयक स्रोतों पर आधारित है।
Keywords
जैन धर्म, गौतम बुद्ध, आधुनिक शिक्षा, बौद्ध दर्शन